बापा नाम तो सब भाई यो में बड़ा होने से हुआ । उनके भजन उनकी दीर्घ दृष्टी उनकी हँसी भरा चहेरा ज्ञानकी बाते सहनशीलता शान्ति धीरज बड़े भाई का कर्तव्य संस्कृत कर्मकांड यह सब जिवंत था । कई उनके विद्यार्थी थे । उन्होंने ख़ुद कई भजन लिखे थे । वह कुछ http://www.astrowebindia.com/ । देखे जायेंगे ! अपने जीवन में पत्नी औ के मृत्यु एवं पिछले जीवन में जिम्मेदारियों ने बहोत कुछ परिवर्तन किए थे.वो राज ज्योतिषी थे । उत्तर गुजरात में मोहनपुर वदगम रानसन वगैरह राज्कुतुम्बो के कामो किए हुए थे ।
उनका राज ज्योतिष का समय कल बहोत ऊँचा था । उस ज़माने में उन्होंने सतत अपने कुटुंब में विद्या के महत्व को प्रस्थापित किया था । रमण भाई को उस समय में इंग्लेंड भेजना शिक्षा प्राप्ति के लिए ! चाचा परसोत्तम पिता नरसिंह राम नही थे। चचेरा भाई भवानीशंकर साहस करना मानता था। बस इसी बात को लेकर विदेश का साहस क्र दिया था। और वतान्प्रेम के कारन शिक्षा पूरी कर रमण भाई भारत में स्थिर हुए।
भानुभाई ,दह्याभई ,सुशिलाकाकी,शांतिलाल,भोगीलाल,चंद्रकांत भाई ,महाशंकर खड़े है। निचे बैठे शिवशंकर ,रेवाशंकर ,रमणभाई ,रेवाबा ,भवानीशंकर ,उज़ीबाफोई की याद तस्वीर।
इंसान का लेखन उसके विचारों से परिचित कराता है। ब्लोगिंग की दुनियां में आपका आना अच्छा रहा, स्वागत है. कुछ ही दिनों पहले ऐसा हमारा भी हुआ था. पिछले कुछ अरसे से खुले मंच पर समाज सेवियों का सामाजिक अंकेषण करने की धुन सवार हुई है, हो सकता है, इसमे भी आपके द्वारा लिखत-पडत की जरुरत हो?
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है....शुभकामनाएँ....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है . मेरा भी साईट देखे और टिप्पणी दे
जवाब देंहटाएंवर्ड वेरीफिकेशन हटा दे . इसके लिये तरीका देखे यहा
http://www.manojsoni.co.nr
and
http://www.lifeplan.co.nr
हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका तहेदिल से स्वागत है...
जवाब देंहटाएंआप की रचना प्रशंसा के योग्य है . लिखते रहिये
जवाब देंहटाएंचिटठा जगत मैं आप का स्वागत है
गार्गी