शनिवार, 27 दिसंबर 2014

शिवशंकर व्यास का हस्त

अपनी विद्वत्ता शांत स्थिर दिरगदृष्टा वृत्ति उनकी  देती है
शिवशंकर व्यास का हस्त

शनिवार, 20 दिसंबर 2014

राम रूठता है कब !!

कविता में बहोत कुछ कह देते थे ! राम रूठता है कब !!

शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

सब कर्मकांड में

कठिन कर्मकांड के प्रश्नो में शिवशंकर ने समाधान निकाले  है !

यह उनकी खूबी थी वो खुद पूजा में खो जाते  थे 
उनकी विशिष्टता यह रही अपने सभी कुटुम्बी जनो   को समाविष्ट करते रहते थे।  इसीमे सब कर्मकांड में शिखते भी गए।  



मंगलवार, 14 अक्तूबर 2014

परमात्मा में विश्वास !!

परमात्मा में विश्वास !!
हम उसीके है वो अपने है यह निरंतर विश्वास अङ्ग रहे यह ही मेरी इच्छा है !!
यही तो शब्द है शिवशंकर के !!

कई लिविंग सेल्स इकठ्ठे होते है तो जो इसका समूह एक बॉडी बन जाता है !! परमात्मा का अंश  या तो कहे जैसे सूरज एक किरण  वैसा आत्मा  जो यह देह को जीवित दिखलाता है !! यही देह द्वारा इंसान पुरे जीवन कुछः न कुछ करता रहता है !! यही तो अवतार है जैसे आप !!