शनिवार, 9 नवंबर 2013

उनके पाव न जले !!

शिवशंकर  कि माता का नाम था रूक्ष्मणि !!लेकिन हैम सब घरडा  बा कहते थे।  वो उम्र ८० के करीब चल बसे थे।  मरते समय गर्मी के दिन थे  . गांव  में घुल रहना सामान्य बात थी।  उन दिनों में सभी भाई वह उपस्थित  थे  .  मृत्यु के अगले दिन सभी ने पूछा माँ तुम्हारी अंतिम इच्छा क्या है ? तो बा ने बताया " भगवन मुझे ब्रह्म मुहूर्त में मौत देना !! क्योकि गर्मी के दिनों में बच्चे स्मशान में आएंगे तो उनके पाव न जले !!!"
श्राद्ध नोंध


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