परमात्मा में विश्वास !!
हम उसीके है वो अपने है यह निरंतर विश्वास अङ्ग रहे यह ही मेरी इच्छा है !!
यही तो शब्द है शिवशंकर के !!
कई लिविंग सेल्स इकठ्ठे होते है तो जो इसका समूह एक बॉडी बन जाता है !! परमात्मा का अंश या तो कहे जैसे सूरज एक किरण वैसा आत्मा जो यह देह को जीवित दिखलाता है !! यही देह द्वारा इंसान पुरे जीवन कुछः न कुछ करता रहता है !! यही तो अवतार है जैसे आप !!
हम उसीके है वो अपने है यह निरंतर विश्वास अङ्ग रहे यह ही मेरी इच्छा है !!
यही तो शब्द है शिवशंकर के !!
कई लिविंग सेल्स इकठ्ठे होते है तो जो इसका समूह एक बॉडी बन जाता है !! परमात्मा का अंश या तो कहे जैसे सूरज एक किरण वैसा आत्मा जो यह देह को जीवित दिखलाता है !! यही देह द्वारा इंसान पुरे जीवन कुछः न कुछ करता रहता है !! यही तो अवतार है जैसे आप !!